Saturday, September 15, 2018

मोदी सरकार का बड़ा कारनामा

संयुक्त राष्ट्र संघ ने भारत सहित 38 देशों को ‘शर्मनाक’ देशों की सूची में डाला।


द वायर और OHCHR (संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय) के अनुसार संयुक्त राष्ट्र ने बुधवार को चीन और रूस समेत 38 “शर्मनाक” देशों को सूचीबद्ध किया है जिसमें भारत भी शामिल है, ये 38 देश वो हैं जहाँ मानवाधिकार का हनन किया गया, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और उन्हें सहयोग करने वाले लोगों की मनमानी गिरफ्तारियां की गयीं, उनके खिलाफ प्रतिशोधात्मक कार्यवाही, धमकियाँ, हत्याएं और यातनाएं दी गयीं।


संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो ग्युटेरेस की वार्षिक रिपोर्ट में इन देशों द्वारा पीड़ितों और मानवाधिकार के साथ बुरा बर्ताव, उनकी निगरानियाँ और उनका अपराधीकरण मुख्य रहा।
गुटेरेस ने लिखा, “दुनिया उन मानवाधिकारों के लिए खड़े लोगों ऋणी है, जिन्होंने संयुक्त राष्ट्र के साथ जानकारी प्रदान करने और संलग्न करने के अनुरोधों का जवाब दिया है, “संयुक्त राष्ट्र के साथ सहयोग करने के लिए व्यक्तियों को दंडित करना एक शर्मनाक प्रथा है कि हर किसी को इस प्रथा से बाहर निकलने के लिए और कुछ करना चाहिए।”
इन 38 देशों में 29 नए देश अपने प्रकरणों के चलते शामिल हुए हैं जबकि 19 देश इसमें पहले से ही शामिल हैं।
नए 29 देशों में बहरीन, कैमरून, चीन, कोलंबिया, क्यूबा, ​​कांगो, जिबूती, मिस्र, ग्वाटेमाला, गुयाना, होंडुरास, हंगरी, भारत, इज़राइल, किर्गिस्तान, मालदीव, माली, मोरक्को, म्यांमार, फिलीपींस, रूस, रवांडा, सऊदी अरब, दक्षिण सूडान, थाईलैंड, त्रिनिदाद और टोबैगो, तुर्की, तुर्कमेनिस्तान, और वेनेज़ुएला शामिल हैं।
संयुक्त राष्ट्र संघ के अनुसार इन देशों की सरकारों ने अक्सर मानवाधिकार कार्यकर्ताओं पर आतंकवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाया या उन्हें विदेशी संस्थाओं के साथ सहयोग करने या राज्य की प्रतिष्ठा या सुरक्षा को नुकसान पहुंचाने के लिए दोषी ठहराया।
https://www.ohchr.org/EN/NewsEvents/Pages/DisplayNews.aspx…
OHCHR.ORG
GENEVA (12 September 2018) – People globally face harsh reprisals and intimidation…

Friday, September 14, 2018

SDPI भारत में तेज़ी से बढती हुई पार्टी


सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ़ इंडिया (SDPI) की स्थापना २१ जून २००९ में नई दिल्ली में हुई। इसका लक्ष्य राजनीतिक रूप से लोगों को सशक्त बनाकर सभी के लिए समान अधिकारों का भारत बनाना है। एसडीपीआई धीरे-धीरे देश भर में लाखों कैडर और सदस्यों के साथ आम लोगों के अधिकारों के लिए आंदोलन और चुनावी राजनीति दोनों के माध्यम से देश भर में काम कर रहा है। पार्टी ने मुख्य रूप से गरीब, किसानों, मजदूरों, आदिवासियों, दलितों और मुस्लिमों को राजनीतिक सशक्तिकरण का संदेश दिया है।

सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी आफ इंडिया भारत में एक बड़ी राजनितिक पार्टी के तोर पर उभर रही है| पिछले १० सालों में यह पार्टी भारत के तकरीबन सभी बड़े राज्य में अपन स्ट्रक्चर बनाने में कामयाब रही। जनता ने भी इस पार्टी का भर पूर साथ देती नज़र आरही है|

एसडीपीआई ने 13 सितंबर 2018 को वाटावा, अहमदाबाद (पश्चिम), गुजरात में पार्टी सदस्यों को मिलकर एक शाखा समिति गठन कार्यक्रम आयोजित किया। इस कार्यक्रम में एसडीपीआई ने "वाटवा 1 शाखा समिति" का गठन किया और शाखा समिति के पदाधिकारियों के चुनाव आयोजित किए जहां
श्री शदाब लिल्गार  अध्यक्ष,
श्री जफर अब्दुल मजीद उपाध्यक्ष,
श्री अब्दुल राजजाकू लिलगर सचिव,
श्री  सिकंदर खान पठान  संयुक्त सचिव
श्री इस्माइल भाई कोषाध्यक्ष
 चुने गए।




चुनाव के दौरान सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी के नेशनल कमिटी सदस्य डॉ निजामुद्दीन खान ने मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया और सामाजिक लोकतंत्र पर भाषण दिया। इसके आलावा गुजरात राज्य के अध्यक्ष श्री अब्दुल क़य्यूम, उपाध्यक्ष श्री अब्दुल हमीद भी उपस्थित थे| चुनाव के बाद  श्री अब्दुल क़य्यूम ने शाखा समिति के पदाधिकारियों का नाम घोषित किये।

मोदी सरकार का बड़ा कारनामा

संयुक्त राष्ट्र संघ ने भारत सहित 38 देशों को ‘शर्मनाक’ देशों की सूची में डाला। द वायर और OHCHR (संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त...